Wednesday, April 22, 2020

श्री गणेश वन्दना

ॐ 
श्री गणेश वन्दना 
ॐ गं गणपतेय नमः 

सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो ,
खोलो म्हारे हिरदै का ताला जी !
सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !!

जल चढ़ाऊं देवा कोनी है अछूतो,
जल नै तो मछल्यां बिगाड़यों जी !
     सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (१)

पुष्प चढ़ाऊं देवा कोनी हैं अछूतो ,
पुष्पां नै तो भंवरा बिगाडयों  जी !
      सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !!(२)

दूध चड़ाऊ देवा कोनी है अछूतो ,
दूध नै तो बछडां बिगाड़यों जी !
    सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (३)

चन्दन चड़ाऊ देवा कोनी है अछूतो,
चन्दन नै तो सर्पा ं बिगाड़यों जी !
    सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (४)

काया चड़ाउ ं देवा कोनी है अछूती ,
काया नै तो कर्मां बिगाड्या जी !
    सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (५)

शब्द चड़ाऊं देवा कोनी है अछूता,
शब्दां नै तो अतीत बिगाड्यां जी !
    सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (६)

प्रेम चड़ाऊं देवा कोनी है अछूतो,
प्रेम से "स्व" स्वरुप पायो जी !
    सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (७)

सात चरण यति गोरक्ष बोल्या,
साँई तेरो ध्यान अनंताः जी !
   सेवा म्हारी  मानो गणपति, पूजा म्हारी मानो !! (८)

ॐ गौरी पुत्राय नमः 
  



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